समेकित क्षेत्रीय केंद्र – गोवा
हमारे बारे में: अयाजंरावाश्रदि संस्थान समेकित क्षेत्रीय केंद्र, गोवा
अयाजंरावाश्रदि संस्थान, मुंबई की एक अग्रणी पहल के रूप में गोवा में समेकित क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की गई है, जो राज्य दिव्यांगजन आयुक्त कार्यालय तथा गोवा विश्वविद्यालय के सहयोग से, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (भारत सरकार) के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) के सचिव श्री राजेश अग्रवाल के मार्गदर्शन में प्रारंभ की गई है। यह पहल गोवा राज्य में दिव्यांगता शिक्षा एवं सेवाओं के विस्तार और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना और दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना है।
पहली बार, अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान (अयाजंरावाश्रदि संस्थान), जो दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MSJ&E), भारत सरकार के अधीन है, ने पुनर्वास परिषद भारत (आरसीआई) की मंजूरी से गोवा में दो विशेष डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं:
1. भारतीय सांकेतिक भाषा दुभाषिया डिप्लोमा (DISLI):
- आवेदन हेतु आवश्यक योग्यता: सीनियर सेकेंडरी (10+2) या समकक्ष परीक्षा में न्यूनतम 50% अंक।• अभ्यर्थी के दोनों हाथ क्रियाशील होने चाहिए, कम-से-कम एक भाषा में अस्खलित(fluent) हो तथा श्रवण क्षमता सामान्य होनी चाहिए।
2. भारतीय सांकेतिक भाषा शिक्षण डिप्लोमा (डीटीआईएसएल):
- आवेदन हेतु आवश्यक योग्यता: सीनियर सेकेंडरी (10+2) या समकक्ष परीक्षा में न्यूनतम 45% अंक।
- अभ्यर्थी को भारतीय सांकेतिक भाषा (आइएसएल) में दक्ष होना चाहिए, उनके पास श्रवण दिव्यांगता का प्रमाण पत्र होना चाहिए, और उन्हें एक साक्षात्कार एवं आइएसएल कौशल मूल्यांकन परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
ये पाठ्यक्रम अयाजंरावाश्रदि संस्थान, राज्य दिव्यांगजन आयुक्त कार्यालय, और गोवा विश्वविद्यालय के बीच 8 मई 2024 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत शुरू किए गए एक बड़े प्रयास की पहली कड़ी हैं। यह समझौता न केवल गोवा में समेकित क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को सुनिश्चित करता है, बल्कि भविष्य में एक समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) की स्थापना की भी नींव रखता है।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को आवश्यक कौशल प्रदान करना है जिससे वे वाक् एवं श्रवण दिव्यांग समुदाय की सेवा कर सकें, संवाद की बाधाओं को दूर कर एक समावेशी समाज के निर्माण में योगदान दे सकें। गोवा में डीआईएसएलआई और डीटीआईएसएल का शुभारंभ भारतीय सांकेतिक भाषा दुभाषियों की वर्तमान मानव संसाधन की कमी को दूर करने की दिशा में एक क्रांतिकरी कदम है, जिससे एक अधिक सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण समाज की स्थापना हो सके — एक ऐसा समाज जहाँ हर आवाज़ सुनी जाती है।
आवेदन प्रक्रिया:
इच्छुक अभ्यर्थी इन पाठ्यक्रमों हेतु आवेदन पत्र भरकर, आवश्यक शैक्षणिक प्रमाणपत्रों, (डीटीआईएसएल हेतु दिव्यांगता प्रमाण पत्र), तथा (डीटीआईएसएल हेतु) साक्षात्कार और आइएसएल कौशल मूल्यांकन परीक्षा के परिणामों के साथ आवेदन कर सकते हैं। पात्रता की जांच आरसीआई द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार की जाएगी।
स्थान एवं संपर्क जानकारी – अयाजंरावाश्रदि संस्थान समेकित क्षेत्रीय केंद्र, गोवा
स्थान: समेकित क्षेत्रीय केंद्र, अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान
[अयाजंरावाश्रदि संस्थान], गोवा विश्वविद्यालय परिसर, तालेगांव पठार, गोवा
वेबसाइट: www.ayjnishd.nic.in
ईमेल: ayjnisd.extensioncountergoa[at]gmail[dot]com
कर्मचारी विवरण:
क्रम संख्या | नाम | सीआरआर नंबर | लिंग | पद | योग्यता |
1 | श्री लखन आनंदानी | B102437 | पुरुष | मूक-बधिर प्रशिक्षक (डीटीआईएसएल) | डीटीआईएसएल |
2 | सुश्री मुस्कान शेख | B67925 | महिला | भारतीय सांकेतिक भाषा दुभाषिया | डीटीआईएसएल |
3 | श्री गौतम | – | पुरुष | मास्टर ट्रेनर | डीटीआईएसएल |