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    क्षेत्रीय कार्यालय, सिकंदराबाद

    अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, सिकंदराबाद , मनोविकास नगर, बोवेनपल्ली, सिकंदराबाद – 500009 

    अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र सिकंदराबाद, जिसे पहले ‘अली यावर जंग राष्ट्रीय श्रवण विकलांग संस्थान’  के नाम से जाना जाता था, की स्थापना वर्ष 1986 में की गई थी। यह संस्थान  दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है। यह संस्थान मनोविकास नगर, सिकंदराबाद में स्थित है।

    यह संस्थान श्रवण दिव्यांगता तथा वाक् और भाषा विकारों से प्रभावित व्यक्तियों एवं उनके परिवारों को सहायता प्रदान कर, पुनर्वास के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर, तथा शीघ्र पहचान, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्धता हेतु नई रणनीतियाँ विकसित कर, दिव्यांगजनों की सेवा में 38 वर्षों से अधिक का समय पूर्ण कर चुका है। यह संस्थान केवल तेलंगाना ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं को भी निःशुल्क पूरा करता है।

    संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा किफायती दरों पर प्रदान करता है, और हमारे विद्यार्थियों को विभिन्न सरकारी छात्रवृत्तियाँ भी प्राप्त होती हैं। भारत के विभिन्न भागों से छात्र इस संस्थान को उनके लिए उपयुक्त मानते हुए प्रवेश लेते हैं। पिछले ढाई दशकों में यह संस्थान श्रवण विज्ञान, वाक् -भाषा विकृति विज्ञान तथा विशेष शिक्षा के क्षेत्रों में शिक्षा और पुनर्वास में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता आ रहा है।

    प्रारंभ में यह केन्द्र मर्रेडपल्ली में स्थित था, तथा प्रशासनिक और प्रशिक्षण कार्यक्रम मनोविकास नगर में संचालित होते थे। वर्ष 1999-2000 में अपने भवन के पूर्ण होने पर संस्थान की सभी गतिविधियाँ एक ही परिसर में आ गईं।

    इस केन्द्र की शुरुआत दो डिप्लोमा स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ हुई थी, और अब इसमें श्रवण दिव्यांगजनों की शिक्षा के क्षेत्र में स्नातक स्तर के कार्यक्रम, तथा श्रवण-विज्ञान और वाक्-भाषा विकृति विज्ञान के स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। वर्तमान में यह संस्थान   एमएससी(ऑडियोलॉजी) ,   बीएएसएलपी   कार्यक्रम,  विशेष शिक्षा में डिप्लोमा और डिग्री  कार्यक्रम, तथा  भारतीय सांकेतिक भाषा में डिप्लोमा  कार्यक्रम संचालित करता है। यह संस्थान  उस्मानिया विश्वविद्यालय  से संबद्ध है तथा   आरसीआई – नई दिल्ली  से मान्यता प्राप्त है।

     

    संस्थान के उद्देश्य  :

    1. जनशक्ति विकास : श्रवण दिव्यांगजनों के पुनर्वास के विभिन्न पहलुओं से निपटने हेतु स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। आरसीआई द्वारा इस संस्थान को उत्कृष्ट रेटिंग प्रदान की गई है।

     

    1. अनुसंधान : पहचान, हस्तक्षेप, शैक्षणिक पद्धतियाँ, सुधारात्मक शिक्षण विधियाँ, श्रवण दिव्यांगजनों हेतु रोजगार, और तकनीकी विकास के क्षेत्रों में अनुसंधान किया गया है।
    2. शैक्षणिक कार्यक्रम : मौजूदा श्रवण दिव्यांग विद्यालयों, पाठ्यक्रमों, शिक्षण विधियों आदि का अध्ययन कर उन्हें मजबूत करने तथा नई रणनीतियों के विकास द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का कार्य किया जाता है।
    3. सेवा सुविधाएँ : शीघ्र पहचान और पुनर्वास संबंधी रणनीतियाँ, फिल्में, श्रव्य-दृश्य सामग्री, व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार व्यवस्था जैसी सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
    4. सामुदायिक कार्यक्रम : घर बैठे प्रशिक्षण सेवाओं की पहचान और हस्तक्षेप, तथा उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप सेवाओं का विकास किया गया है।
    5. सामग्री विकास : शिक्षण सामग्री, श्रव्य-दृश्य साधनों का विकास; जन-जागरूकता, सामुदायिक शिक्षा, वयस्क श्रवण दिव्यांगों के लिए साक्षरता कार्यक्रम, माता-पिता परामर्श, और स्वैच्छिक संगठनों को सशक्त बनाने हेतु कार्यक्रम शामिल हैं।
    6. सूचना एवं प्रलेखन : वाक् एवं श्रवण क्षेत्र में नवीनतम जानकारी और विकास को प्रलेखित करना और उसका प्रसार करना।

     

    श्रवण विज्ञान अनुभाग

    श्रवण विज्ञान अनुभाग एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा इकाई है, जो श्रवण संबंधी विकारों और संबंधित स्थितियों के निदान और उपचार में विशेषीकृत है। इस क्षेत्र के अनुभवी ऑडियोलॉजिस्ट (श्रवण वैज्ञानिक) और प्रशिक्षित विशेषज्ञ अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर सुनने की क्षमता का मूल्यांकन करते हैं, श्रवण यंत्र जैसी पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करते हैं, संवाद कौशल सुधारने हेतु परामर्श देते हैं, तथा  एडीआईपी  योजना के अंतर्गत कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी की सिफारिश भी करते हैं।

    हमारी सेवाएँ इस उद्देश्य पर केंद्रित हैं कि व्यक्ति श्रवण दिव्यांगता को स्वीकार कर उससे सामंजस्य स्थापित कर सके, श्रवण यंत्र, कॉकलियर इंप्लांट और अन्य श्रवण सहायक उपकरणों का अधिकतम लाभ उठा सके, मौखिक संवाद में भाग ले सके, स्वयं के संवाद पर नियंत्रण पा सके, आजीविका कमा सके और जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सके।

    श्रवण विज्ञान प्रयोगशाला में अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त उपकरण उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से श्रवण दिव्यांगता  का पता लगाना और उसकी तीव्रता का आकलन करना संभव है।   एडीआईपी ( व्यक्तियों को उपकरण/सहायक यंत्र खरीदने/फिट करने हेतु सहायता)  योजना के अंतर्गत नवीनतम बीआईएस प्रमाणित   और   आईएसआई (ISI) चिह्नित डिजिटल बीटीई श्रवण यंत्र   श्रवण दिव्यांगजनों  को प्रदान किए जाते हैं।

    यह अनुभाग  श्रवण विज्ञान के विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। इस विभाग में श्रवण एवं वाक् विषय के योग्य रीडर, लेक्चरर, और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा संबद्ध क्षेत्रों के व्याख्याता कार्यरत हैं, जो  श्रवण-विज्ञान  और  वाक्-भाषा विकृति विज्ञान (एएसएलपी)  के विद्यार्थियों को श्रवण एवं संतुलन विकारों के मूल्यांकन, श्रवण दिव्यांगता की रोकथाम, निदान एवं उपचार के संबंध में शिक्षा प्रदान करते हैं।

    वे मनोविज्ञान, परामर्श, पुनर्वास, शिक्षा आदि से जुड़े अन्य व्यवसायों को भी श्रवण एवं संतुलन से संबंधित समस्त पहलुओं पर जानकारी एवं प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। ऑडियोलॉजिस्ट व्यवसाय और उद्योगों को श्रवण हानि, श्रवण दिव्यांगता, उसकी रोकथाम और पुनर्वास से संबंधित जानकारी भी प्रदान करते हैं।

    यह विभाग  तेलंगाना क्षेत्र  सहित भारत के विभिन्न राज्यों में   श्रवण जांच शिविर   और   श्रवण यंत्र वितरण शिविरों   का नियमित आयोजन करता है, जो कि   एडीआईपी श्रवण यंत्र योजना  के अंतर्गत संचालित होते हैं। इसके अतिरिक्त यह विभाग   एडीआईपी योजना के लाभार्थियों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री   का रखरखाव भी किया जाता है।

    एडीआईपी (ADIP) योजना के अंतर्गत श्रवण यंत्र प्राप्त करने की पात्रता 

    • – न्यूनतम 40% या उससे अधिक की विकलांगता प्रमाणपत्र   तथा   यूडीआईडी (UDID) कार्ड
    • – मासिक आय ₹22,500/- से कम   होने का   आय प्रमाणपत्र
      • आधार कार्ड
      • 2 पासपोर्ट आकार के फोटो

    श्रवण विज्ञान अनुभाग में उपलब्ध विभिन्न नैदानिक सेवाएँ

    • श्रवण मूल्यांकन
    • ऑडियोमेट्री (प्योर टोन, इमिटेंस, स्पीच, बीओए, ओएई)
    • एबीआर (ऑडिटरी ब्रेनस्टेम रिस्पॉन्स )
    • श्रवण यंत्र की इलेक्ट्रो-ध्वनिक जाँच
    • श्रवण यंत्र का ट्रायल
    • श्रवण यंत्र का चयन एवं फिटिंग
    • श्रवण सांचा(ईयर मोल्ड)
    • श्रवण यंत्र से संबंधित सेवाएँ , जैसे –
    • श्रवण यंत्र की मरम्मत
    • तकनीकी समस्याओं का समाधान
    • परामर्श सेवा
    • कॉकलियर इंप्लांट सेवाएँ
    • संदर्भित एवं अनुवर्ती सेवाएँ

    ईयर मोल्ड प्रयोगशाला

    ईयर मोल्ड प्रयोगशाला कस्टम ईयर मोल्ड्स और श्रवण सुरक्षा समाधान तैयार करने के लिए समर्पित है। हमारी कुशल तकनीशियनों और श्रवण विशेषज्ञों (ऑडियोलॉजिस्ट) की टीम प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाले, सटीक और आरामदायक ईयर मोल्ड तैयार करती है

    श्रवण यंत्र सहायक उपकरण व सेवा मरम्मत   

    इलेक्ट्रॉनिक प्रयोगशाला नवीनतम तकनीकी उन्नतियों की शिक्षा देने हेतु समर्पित है, जिसमें श्रवण यंत्र, श्रवण मूल्यांकन उपकरणों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है तथा श्रवण यंत्रों की मरम्मत की जाती है।

    एमएससी (ऑडियोलॉजी) पाठ्यक्रम की शोध परियोजनाओं (डिसर्टेशन) के समर्थन हेतु कई अनुसंधान गतिविधियाँ की जाती हैं। इसके साथ ही, आंतरिक शोध कार्य भी नियमित रूप से इस प्रयोगशाला में किए जाते हैं।

    इस प्रयोगशाला ने एक   कम लागत वाला शोर स्तर संकेतक (Low Cost Noise Level Indicator)   विकसित किया है, जिसे कई कार्यशालाओं और   एनसीईडी   में प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इस आविष्कार को   नवंबर 2023   में पेटेंट भी प्राप्त हुआ।

    इस प्रयोगशाला में मरीजों के   श्रवण यंत्रों की निःशुल्क मरम्मत   की जाती है। साथ ही, यह प्रयोगशाला   श्रवण विज्ञान प्रयोगशाला के ऑडियोलॉजी उपकरणों   तथा   स्पीच लैब के स्पीच मूल्यांकन उपकरणों   की मरम्मत और अनुरक्षण की ज़िम्मेदारी भी निभाती है।

    यह प्रयोगशाला प्रशिक्षण और शिक्षण पद्धतियों में   मल्टीमीडिया सेटअप   का समर्थन करती है, तथा संस्थान की   इंटरनेट सुरक्षा  ,   कंप्यूटर अनुरक्षण   और   सॉफ्टवेयर सहायता   भी प्रदान करती है।

    वाक् एवं भाषा अनुभाग

    वाक् एवं भाषा विभाग का उद्देश्य व्यक्तियों को उनके संप्रेषण कौशल (Communication Skills) को सुधारने में सहायता प्रदान करना है। इसके अंतर्गत व्यापक मूल्यांकन (Assessment) और प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार की गई उपचार पद्धतियाँ (Tailored Therapy) शामिल हैं।

    हमारे अनुभवी   स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट   (वाक् एवं भाषा विकृति विशेषज्ञ) बच्चों, वयस्कों और वृद्धों के साथ कार्य करते हुए विभिन्न वाक् एवं भाषा संबंधी समस्याओं का समाधान करते हैं।

    हमारे   क्षेत्रीय केंद्र (Regional Centre)   में प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति  के लिए एक व्यक्तिगत उपचार योजना (Individualized Plan)   तैयार की जाती है। जिन व्यक्तियों में बोलने की क्षमता बहुत कम है या नहीं है, उनके लिए हमारे अनुभवी विशेषज्ञ वैकल्पिक एवं पूरक संवाद विधियाँ (एएसी मेथड्स)   जैसे कि   स्वचालित उपकरण (Automated Devices)   और   सांकेतिक भाषा (Sign Language)   का चयन करते हैं और उनका प्रशिक्षण भी देते हैं।वे मरीजों को ध्वनियाँ निकालना सिखाते हैं, उनकी आवाज़ में सुधार करते हैं, तथा मौखिक या लिखित भाषा कौशल में वृद्धि करके उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से संवाद करना सिखाते हैं।

    इसके अलावा वे मरीजों को मांसपेशियाँ मजबूत करने की विधियाँ या वैकल्पिक रणनीतियाँ सिखाते हैं ताकि वे बिना गले में अटकने या भोजन/तरल पदार्थ को सांस नली में जाने से रोकते हुए निगलने की प्रक्रिया (Swallowing) को बेहतर बना सकें।

    स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट्स   मरीजों को संवाद और निगलने की विश्वसनीय क्षमता विकसित करने या पुनः प्राप्त करने में मदद करते हैं ताकि वे अपने   शैक्षणिक, व्यावसायिक और सामाजिक दायित्वों   को प्रभावी रूप से निभा सकें।

    इस विभाग के   संकाय  द्वारा बाल एवं वयस्कों में वाक् एवं भाषा समस्याओं की पहचान   हेतु कई   अनुसंधान परियोजनाएँ एवं विकासात्मक उपकरण   तैयार किए गए हैं। इन उपकरणों को   राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित मान्यताएँ   प्राप्त हुई हैं।

     

    निम्नलिखित सूची वाक् एवं भाषा अनुभाग में उपलब्ध विभिन्न नैदानिक सेवाओं को दर्शाती है –

    –   वाक् एवं भाषा मूल्यांकन थेरपी

    –   वाक् एवं भाषा थेरपी

    –   आवाज़ मूल्यांकन एवं थेरपी

    –   धाराप्रवाहता मूल्यांकन एवं थेरपी

    –   तंत्रिका संबंधी वाक् विकारों का प्रबंधन

    –   निगलने की प्रक्रिया का मूल्यांकन एवं थेरपी

    –   अनुवर्ती जाँच एवं संदर्भित सेवाएँ

    मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन इकाई

    मनोविज्ञान विभाग मानव व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य की समझ को बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमारे मनोवैज्ञानिक द्वारा   व्यापक मनोवैज्ञानिक सेवाएँ  ,   मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन   और   परामर्श   प्रदान किया जाता है।

    इस इकाई में   मनोचिकित्सा (Psychotherapy)  ,   व्यवहार चिकित्सा (Behaviour Therapy)   और   प्ले थैरेपी (Play Therapy)   जैसी सेवाएँ भी उपलब्ध हैं।

    शिक्षा अनुभाग

    शिक्षा विभाग का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रम प्रदान करना है, जो   जीवन भर सीखने की प्रवृत्ति   और   व्यक्तिगत विकास   को बढ़ावा दें। हमारे अनुभवी शिक्षकों और स्टाफ की टीम बच्चों के लिए एक   सहायक एवं समृद्ध वातावरण   तैयार करने में सहयोग करती है।

    यह विभाग   विशेष आवश्यकता वाले बच्चों   को पढ़ाने के लिए   नवोदित शिक्षकों   को प्रशिक्षित करता है। प्रशिक्षण में शामिल है –

    –   डिस्लेक्सिया

    –   डिस्कैल्कुलिया

    –   डिस्ग्राफिया

    –   भाषा और वाक् प्रसंस्करण विकार

    –   एडीएचडी

    –   भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याएँ

    –   वाक् संबंधी कठिनाइयाँ, आदि।

     

    यह विभाग   समावेशी शिक्षा (Inclusive Education)   की अवधारणा पर भी बल देता है और शिक्षकों को यह सिखाता है कि कैसे वे अपनी शिक्षण पद्धति को इस प्रकार रूपांतरित करें कि सभी प्रकार की   क्षमताओं / दिव्यांगताओं और पृष्ठभूमियों   वाले बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

    यह विभाग छोटे बच्चों और युवाओं को शैक्षणिक परामर्श भी प्रदान करता है। इस विभाग ने शिक्षकों के लिए मार्गदर्शिका, नियमावली, समावेशी विद्यालयों के लिए अनुक्रमणिका, प्रशिक्षण दिशा-निर्देश और साक्षरता पाठ्यक्रम आदि जैसे कई शिक्षण सामग्री और पाठ्यचर्या संसाधनों का विकास किया है।

    इसके अतिरिक्त, विशेष शिक्षा विभाग पाठ्यचर्या विकास, लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा विस्तार गतिविधियों से संबंधित कई कार्यक्रम संचालित करता है ताकि दिव्यांग विद्यार्थियों सहित वंचित समूहों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाया जा सके। यह विभाग नई शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

     

    समुदाय आधारित गतिविधियाँ  

    किसी व्यक्ति की श्रवण बाधिता केवल उस व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को भी प्रभावित करती है। अतः इस समस्या के समाधान के लिए समुदाय आधारित दृष्टिकोण अपनाना अधिक प्रभावी होता है — जैसे कि  समुदाय आधारित पुनर्वास (सीबीआर)  कार्यक्रमों के माध्यम से।

    रीजनल सेंटर, सिकंदराबाद  नियमित रूप से समुदाय आधारित पुनर्वास (सीबीआर) कार्यक्रमों का संचालन करता है। ये कार्यक्रम विशेष रूप से दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले दिव्यांगजनों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। हमारे सीबीआर कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि ऐसे समुदायों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों को आवश्यक पुनर्वास सेवाएँ उपलब्ध कराना, जहाँ ऐसी सुविधाओं की पहुँच सीमित है।

    सीबीआर कार्यक्रम मुख्यतः नियमित  स्कूल स्क्रीनिंग शिविरों ,  सामान्य वाक् एवं श्रवण परीक्षण शिविरों  तथा  श्रवण यंत्र वितरण शिविरों  के माध्यम से संचालित किए जाते हैं।

    शैक्षणिक अनुभाग

    शैक्षणिक अनुभाग सभी पाठ्यक्रमों के संचालन से संबंधित कार्यों का निर्वहन करता है, जैसे कि RCI से मान्यता और नवीनीकरण, विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त करना, विद्यार्थियों का प्रवेश, शैक्षणिक कैलेंडर का निर्माण तथा समय पर परीक्षाओं का आयोजन।

    पुस्तकालय    

    पुस्तकालय — ज्ञान का भंडार — का उद्देश्य है संस्थान के उपयोगकर्ताओं की शैक्षणिक और सूचनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सूचनाओं की सेवाएँ प्रदान करना तथा ग्रंथ-सूची और पूर्ण-पाठ डिजिटल व मुद्रित संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित कराना।

    कार्य समय   : सोमवार से शनिवार,   समय   : प्रातः 9:00 बजे से सायं 5:30 बजे तक

    प्रस्तावित सेवाएँ:

    सामग्री का परिसंचरण जिसमें घर पर पढ़ने हेतु पुस्तकें देना, ग्रंथ-सूची संबंधी नेट सर्फिंग अर्थात इंटरनेट का निःशुल्क उपयोग, संदर्भ/फोटोकॉपी सेवाएँ, परामर्श, खरीद/सदस्यता आदि शामिल हैं।

    कुल पठन सामग्री की संख्या:    2820

    कुल संदर्भ सामग्री की संख्या:    395 (जिसमें बाउंड जर्नल अंक शामिल हैं)

    ऑडियो-विजुअल सामग्री की संख्या:    54

    तेलुगु पुस्तकों की कुल संख्या:    182

     

    डिजिटल पुस्तकालय:

    सीडी सर्वर एवं इंटरनेट सुविधा से युक्त डिजिटल पुस्तकालय में 17 अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन जर्नल्स की उपलब्धता है।

    पाठ्यक्रम

     दीर्घावधि  प्रशिक्षण कार्यक्रम

    क्र.सं. पाठ्यक्रम पात्रता प्रवेश क्षमता एवं अवधि संबद्धता
    1  श्रवण-विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम.एससी. ऑडियोलॉजी) i) श्रवण-विज्ञान एवं वाक्-भाषा विकृति में स्नातक उपाधि अथवा विश्वविद्यालय एवं RCI द्वारा मान्यता प्राप्त कोई समकक्ष डिग्री।

    ii) मई/जून 2001 के बाद इंटर्नशिप अनिवार्य।

    iii) सामान्य वर्ग/ओबीसी के लिए न्यूनतम 50% अंक तथा एससी/एसटी/दिव्यांग (पीएच) वर्ग के लिए 45% अंक।

    iv) चयन अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि. संस्थान द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।

    13

    2 वर्ष (सेमेस्टर प्रणाली)

    उस्मानिया विश्वविद्यालय
    क्र.सं. पाठ्यक्रम पात्रता प्रवेश क्षमता एवं अवधि संबद्धता
    1 विशेष शिक्षा में स्नातक (एच.आई) [बी.एड. स्पेशल एजुकेशन (एच.आई.)]

     

    i) उस्मानिया विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में डिग्री या किसी अन्य विश्वविद्यालय से इसके समकक्ष डिग्री, न्यूनतम कुल अंक: सामान्य/ओबीसी के लिए 50% अंक और एससी/एसटी/पीएच के लिए 45% अंक । 30

    2 वर्ष

    उस्मानिया विश्वविद्यालय
    क्र.सं. पाठ्यक्रम पात्रता प्रवेश क्षमता एवं अवधि संबद्धता
    1 श्रवण विज्ञान, वाक् – भाषा विकृति विज्ञान में स्नातक (बी.एएसएलपी) i) मान्यता प्राप्त बोर्ड से भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान/गणित/कंप्यूटर विज्ञान/सांख्यिकी/इलेक्ट्रॉनिक्स/मनोविज्ञान में से किसी एक विषय के साथ इंटरमीडिएट/10+2 उत्तीर्ण।

    ii) अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि. संस्थान द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के आधार पर चयन

    34
    4 वर्ष
    उस्मानिया विश्वविद्यालय
    क्र.सं. पाठ्यक्रम पात्रता प्रवेश क्षमता एवं अवधि संबद्धता
    1   शिक्षा विशेष शिक्षा में डिप्लोमा(एच आई) किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से 10+2 या इसके समकक्ष परीक्षा न्यूनतम: सामान्य के लिए 50% अंक और एससी/एसटी/पीएच के लिए 45% अंक 35
    2 वर्ष
    आरसीआई
    2 भारतीय सांकेतिक भाषा अध्ययन में डिप्लोमा 1) दिव्यांगता प्रमाणपत्र (श्रवण दिव्यांग) 2) न्यूनतम 45% अंकों के साथ कक्षा 10+2 (उच्च  माध्यमिक) उत्तीर्ण या समकक्ष 3) आईएसएल में कुशल ग्रहणशील और उत्पादक कौशल 20
    2 वर्ष
    आरसीआई

     राष्ट्रीय दिव्यांगता सूचना हेल्पलाइन सेवा (एनडीआईएचएस):

     दिव्यांगजन अब एकल आईवीआरएस आधारित टोल फ्री नंबर पर कॉल करके अपनी दिनचर्या से संबंधित विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। संस्थान के कार्यकाल के दौरान कॉल अटेंडेंट सुविधा उपलब्ध है।

    हेल्पलाइन नंबर:   14456

     

    पता:

    अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र

    (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन)

    मनोविकास नगर, सिकंदराबाद – 500009

    दूरभाष संख्या:   +91 40 27753385, 29554037

    फैक्स संख्या:   +91 40-29554031

    ईमेल:   adsrc-nihh[at]nic[dot]in

    वेबसाइट:   www.ayjnishd.nic.in

    कार्य समय:   प्रातः 9:00 बजे से सायं 5:30 बजे तक

    अवकाश:   शनिवार, रविवार एवं केंद्र सरकार द्वारा घोषित अवकाश

     

    कैसे पहुँचें

    संस्थान दूरी:

    सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि. सं.: 6 किलोमीटर (लगभग)

    सिकंदराबाद जुबली बस स्टैंड से अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि. सं.: 4 किलोमीटर (लगभग)

    बस द्वारा पहुँच: सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से मनोविकास नगर: 26M, 26S, 26G, 26M/229               बस स्टॉप: एनआईएमएच बस स्टॉप।

     

    क्र.सं. नाम पदनाम
    1 श्री.बी. श्रीनिवास राव प्रभारी सहायक निदेशक
    क्र.सं. नाम पदनाम
    1 डॉ.एस.जी.आर.प्रकाश प्रपाठक (वाक् एवं श्रवण) सुपरन्यूमेरी पोस्ट पर
    2 डॉ. एस. शांति प्रकाश प्रपाठक (विशेष शिक्षा)
    3 श्री बी. श्रीनिवास राव व्याख्याता (वाक् एवं श्रवण)
    4 डॉ. गौरीशंकर पाटिल व्याख्याता (वाक् एवं श्रवण)
    5 डॉ. के. श्रीदेवी व्याख्याता (विशेष शिक्षा)
    6 रिक्त व्यावसायिक परामर्शदाता
    7 डॉ. एन. कृष्णमूर्ति मनोचिकित्सक
    8 रिक्त प्रीस्कूल शिक्षक
    9 श्री.वी.अंजनेयुलु इअर मोल्ड तकनीशियन
    10 श्रीमती वी.जे.विनीला ऑडियोलॉजिस्ट और स्पीच पैथोलॉजिस्ट
    11 श्री.राजेन्द्र कुमार ऑडियोलॉजिस्ट और स्पीच पैथोलॉजिस्ट
    क्र.सं. नाम पदनाम
    1 रिक्त अधीक्षक सह लेखापाल
    2 श्रीमती वी.टी.वाणी स्टेनो टाइपिस्ट
    3 श्री.रविन्द्रनाथ अवर श्रेणी लिपिक
    4 श्री.अजीज ड्राइवर
    5 श्री.एम. राजू चपरासी
    6 श्री.ए.ज़कारस चपरासी
    क्र.सं. नाम पदनाम
    1 श्री. चंद्रशेखर अवर श्रेणी लिपिक
    2 श्री भीम राव अनुदेशक
    3 श्री सोमैया चपरासी
    क्र.सं. नाम पदनाम
    1 डॉ. पी. जीतेन्द्र व्याख्याता (इलेक्ट्रॉनिक्स)
    2 श्रीमती पद्मा प्रिया व्याख्याता (वाक् एवं श्रवण)
    3 श्री मधु सहायक पुस्तकाध्यक्ष
    4 श्रीमती कल्याणी कॉल अटेंडेंट-डीआईएल
    5 श्री. निखिल अवर श्रेणी लिपिक