शिक्षा विभाग
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शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षित शिक्षक तैयार करने के लिए अपना पहला मानव संसाधन विकास कार्यक्रम यानी पीजीपीडी 1984 में शुरू किया, जो श्रवण बाधित बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा कर सके। पाठ्यक्रम को बी.एड.(बधिर) रूप में अपग्रेड किया गया जो मुंबई विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हुए। तब से शिक्षा विभाग ने मानव संसाधन विकास कार्यक्रमों को विकसित करने का बीड़ा उठाया है। वर्तमान में मुख्यालय मुंबई में शिक्षा विभाग स्नातक, स्नात्कोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, इसके अतिरिक्त ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में जिनके पास पहुंचनाकठिन है से लेकर देश के सभी हिस्सों में पेशेवरों और संबद्ध चिकित्सकों के लिए अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला भी आयोजित करता है। .
विभाग के दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की गतिविधियों में बी.एड. स्पे. एडु. (एचआई), एम.एड. स्पे. एडु. (एचआई), बीईडीएसईएचआई, एमईडीएसईएचआई की योजना, आयोजन और मूल्यांकन शामिल है इसके अतिरिक्त भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) द्वारा मान्यता प्राप्त और मुंबई विश्वविद्यालय और इग्नू से संबद्ध विशेष शिक्षा में पीएचडी का आयोजन। विवरण निम्नप्रकार है
दीर्घावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम (1984से)
क्र. सं. | कार्यक्रम | उत्पन्न जनशक्ति | वर्ग | वर्ष |
1 | पीएच.डी. (विशेष शिक्षा) | 11 | विशेष शिक्षक | 2014 के पश्चात् |
2 | एम.एड. स्पे. एडु (एचआई) | 139 | विशेष शिक्षक | 1995-2018 |
3 | बी.एड. स्पे. एडु. (एचआई) | 610 | विशेष शिक्षक | 1986-87 |
4 | एमईडीएसईएचआई | 60 | विशेष शिक्षक | 2010-2014 |
5 | बीईडीएसईएचआई | 70 | विशेष शिक्षक | 2010-2014 |
6 | पीजीसीसीएवीटी | 25 | श्रवण मौखिक थैरिपिस्ट | 2009-2013 |
7 | पीजीडीपीएचआई | 23 | विशेष शिक्षक | 1984-85 |
विभाग के पास विभिन्न कार्यक्रमों के विद्याथिर्यो और स्कॉलरों को पढ़ाने, सलाह देने और मार्गदर्शन देने के लिए डॉक्टरेट की डिग्री और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साख रखने वाले उच्च योग्य संकाय संकाय सदस्य उपलब्ध हैं। शिक्षा विभाग, मुंबई के पूर्व विद्यार्थी भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों, विश्वविद्यालयों, विशेष स्कूलों में निदेशक, प्रधानाचार्य, पाठ्यक्रम समन्वयक, संकाय सदस्य, विशेष और संसाधन शिक्षक जैसे विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं।
अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम (1984 से)
क्र. सं. | कार्यक्रम | कार्यक्रमों की सं. | लाभार्थियों की सं. | लक्षित लाभार्थीगण |
1 | • रिफ्रेशर पाठ्यक्रम
• ओरिएंटेशन कार्यक्रम • प्रारंभिक हस्तक्षेप के लिए एक महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम |
100 | 1200 | विशेष शिक्षक, मुख्यधारा के शिक्षक, एसएसए शिक्षक, आंगनवाड़ी शिक्षक, प्राथमिक स्वास्थय कर्मचारी, पीएचसी डॉक्टर |
2 | सीआरई समकक्ष पुनश्चर्या पाठ्यक्रम | 75 | 3000 | विशेष शिक्षक, मुख्यधारा के शिक्षक |
शैक्षणिक सेवाएं
शिक्षा विभाग, शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘प्रक्रिया केंद्रित संरचनात्मक दृष्टिकोण’ का पालन करता है। इनमें श्रवण बाधित बच्चों का शैक्षिक मूल्यांकन करना, अभिभावक मार्गदर्शन, प्रारंभिक हस्तक्षेप, रेफरल, स्कूल प्लेसमेंट, उपचारात्मक शिक्षण और मुख्यधारा के स्कूलों में जाने वाले बच्चों को शामिल करने के लिए शैक्षिक समर्थन शामिल है।
शैक्षिक मूल्यांकन और मार्गदर्शन
शिक्षा की प्राथमिक आवश्यकताओं में से एक भाषा और ज्ञान के संदर्भ में बच्चे के कामकाज के वर्तमान स्तर को जानना है। यह एक आईईपी या उपचारात्मक कार्यक्रम विकसित करने की सुविधा देता है। इसके लिए, विभाग ग्रहणशील और अभिव्यंजक भाषा और साक्षरता कौशल जैसे पढ़ने और लिखने हेतु शैक्षिक मूल्यांकन की सेवाएं प्रदान करता है। टेस्ट बैटरियों में मानकीकृत उपकरणों के संयोजन के साथ-साथ शिक्षक निर्मित परीक्षण भी शामिल हैं। विभाग द्वारा विकसित इनमें से कुछ सीईसीएस (प्रारंभिक संचार कौशल के लिए चेकलिस्ट), सीबीसीएस (मूल संचार कौशल की जांच सूची), ईआरएल (ग्रहणशील भाषा का अनुमान), ईईएल (अभिव्यंजक भाषा का अनुमान, ईएलएस (साक्षरता कौशल का अनुमान) के साथ-साथ ओबीटी (ओपन बुक टेस्ट) भी शमिल हैं। अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि.संस्थान में पंजीकृत बच्चे मूल्यांकन की इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। विभाग के प्रशिक्षित शिक्षक इन आकलनों का संचालन करते हैं।
प्री स्कूल
2.5 से 6 वर्ष के बीच के बच्चों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप कार्यक्रम पूर्वस्कूली पढ़ाई का एक हिस्सा जिसे श्रवणबाधित बच्चों के भाषा विकास की महत्वपूर्ण अवधि का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विभाग का यह कार्यक्रम मुख्यधारा के स्कूलों में शामिल करने की सुविधा प्रदान करता है क्योंकि बच्चे स्कूल के लिए तैयार होते हैं। विभाग के पूर्व-विद्यालयी शिक्षक प्राकृतिक भाषा विकास और आकस्मिक साक्षरता कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यक्तिगत पाठ्यचर्या कार्यक्रम विकसित करते हैं। गतिविधि आधारित दृष्टिकोण में त्योहारों को मनाना, निर्देशित गतिविधियों जैसे कि शिल्प और खाद्य गतिविधियों और क्षेत्र भ्रमण शामिल हैं। उपचारात्मक शिक्षण के लिए मुख्यधारा के स्कूलों के बच्चों को भी सहायता प्रदान की जाती है, अभिभावकों को बच्चों के साथ हस्तक्षेप सत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करके और अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करके भी प्राप्त किया जाता है। श्रवण बाधित बच्चों की शिक्षा में विशेषज्ञता रखने वाले प्रशिक्षित शिक्षक इन अंतःक्षेपी सेवाओं प्रदान करते हैं।
मुक्त शिक्षा संकाय
यह राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) से संबद्ध SAIED केंद्र के रूप में संकल्पित और आरंभ किया गया, शिक्षा विभाग स्कूल छोड़ने वालों और नव-साक्षरों को शैक्षिक अवसर प्रदान करता है। श्रवण ह्रास वाले 100 से अधिक विद्यार्थियों ने सफलतापूर्वक माध्यमिक शिक्षा पूरी की है। अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि. संस्थान, एनआईओएस के लिए एक अध्ययन केंद्र के रूप में भी कार्यरत्त है, मुख्य रूप से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सतत शिक्षा और सभी दिव्यांगजनों के लिए परीक्षा केंद्र के रूप में कार्य करता है। माध्यमिक पाठ्यक्रम दिव्यांगविद्यार्थियों और पीसीपी संपर्क कार्यक्रमों में पंजीकरण शुल्क और परीक्षा शुल्क छोड़कर मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है।
अनुसंधान एवं प्रकाशन
सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्तिऔर प्रगति के लिए साक्ष्य आधारित शैक्षिक प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता होती है। शैक्षिक दर्शन, प्रथाओं और श्रवण हानि वाले बच्चों के विषम समूहों को शिक्षित करने के लिए नई प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता है और इसलिए अनुसंधान और प्रलेखन शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। विभाग सक्रिय रूप से दीर्घावधि और अल्पावधि दोनों प्रकार की शोध परियोजनाओं को शुरू करने और इनके परिणामों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुचकांकन और पीयर्ड रिव्यूड जनरलों में प्रकाशित करने में सक्रिय रूप से शामिल है।
शिक्षा विभाग ने छह दीर्घकालिक अनुसंधान परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से टेस्ट ऑफ स्कूल रेडीनेस (टीएसआर) समावेशी प्राथमिक शिक्षा के लिए श्रवण बाधित बच्चों की रेडिनेस का आकलन करने के लिए विकसित एक नवीनतम टेस्ट बैटरी है।
मुख्यधारा के स्कूली बच्चों में लर्निंग लैग की स्क्रीनिंग की जांच हेतु ऐप विकसित करने के लिए विभाग के वर्तमान शोध को एनजीओ ‘सोल्स आर्क’ मुंबई के सहयोग सेविकसित किया गया है। द रेड फ्लैग नामक परियोजना का उद्देश्य शिक्षकों को कमियों की पहचान करने और बच्चों के लिए सीखने के वातावरण में समावेशन को सुगम बना कर सशक्त करना है।
शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक हस्तक्षेप की प्रभाविकता, समावेशी शिक्षा, विशेष शिक्षा, मास्टर स्तर की शिक्षा, सीखने की शैली, स्कूलों के साथ अभिभावक के संबंधपरक विश्वासतथास्कूली संबंध और ऐसे ही विभिन्न विषयों पर एमएड विशेष शिक्षा (एचआई) के छात्रों के 70 से अधिक मास्टर शोध कार्यों का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया है। वर्तमान में, विभागमुंबई विश्वविद्यालय से संबद्धता के सहित विशेष शिक्षा में पीएचडी के लिए डॉक्टरेट स्तर के छात्रों के निम्नलिखित शोध कार्यों का मार्गदर्शन कर रहा है।
क्र. सं. | शोधकर्ता का नाम | विषय | रिसर्च गाईड |
1 | श्री संजय कुमार यादव | लेबलिंग एंड इट्स इंपेक्ट ऑन सेल्फ-कॉन्सेप्टस एंड सेल्फ-इस्टीम ऑफ एडोलेसेंट्स विद डिसेबिलिटी | डॉ वर्षा गट्टू |
2 | श्री अतुल जाधव | दी इफेक्ट ऑफ एबेकस ट्रेनिंग ऑन कॉगनिटिव एबिलिटिस ऑफ स्टूडेंट्स विद हियरिंग लॉस | |
3 | श्रीमती शर्मिठा सी. ओक | इफेक्ट ऑफ स्कॉफलोडिंग स्ट्रेटजी ऑन रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन ऑफ चिल्ड्रन विद हियरिंग इम्पेयरमेंट | |
4 | सुश्री कस्तूरी अरूण कुलकर्णी | इफेक्टिवनेस ऑफ अ ट्रेनिंग मोड्यूल टू इम्पावर पेरेंट्स इन अर्ली इंटरवेंशन प्रोग्रामस् ऑफ चिल्ड्रन विद हियरिंग इम्पेयरमेंट | |
5 | श्रीमती शोभा शेट्टी | स्टेकहोल्र्डस् साइकोसोशल पर्सस्पेक्टिवस ऑन इंक्यूशन ऑफ चिल्ड्रन विद डिसेबिलिटीस इन मेनस्ट्रीम स्कूलस् | |
6 | श्रीमती साधना लेम्चोर | पस्पेक्टिवस् एंड फेल्ट नीडस् ऑफ जेनेरल एंड रिसोर्स टीचिंर्स ऑन इंक्यिूसव एडुकेशन | |
7 | श्रीमतीजिग्नया शाह | रिलेशनशिप बिटवीन द प्रीफर्ड लनिंर्ग मोडालिअी एंड कॉग्निटव स्टाईल ऑफ द स्टूडेंटस् विद एंड विदआउट हियरिंग इंप्यारमेंट इन द इन्क्यूसिव प्राईमेरी स्कूलस् | |
8 | श्री संतोष डी. यादव | इवेल्यूशन ऑफ प्रज्ञाना ऑफ प्राईमेरी एडुकेशन ऑफ स्टूडेंट विद सेंसोरी डिसेबिलिटीस् | डॉ. सूनि मैथ्यू |
9 | श्रीमती एलिशा अग्रवाल | अवेयरनेस ऑफ हेल्थ रिलेटेड इश्यूस इन एडोलेसेंस विड हियरिंग इंप्यारमेंट | |
10 | श्रीमती पूनम वी. सावंत | चैलेंजेस ऑफ टीचर्स इन कंटीन्यूअस कॉम्प्रिहेंसिव इवेल्यूशन ऑफ स्टूडेंटस विद एंड विदआउट डिसेबिलिटीस् इन मेनस्ट्रीम स्कूल्स | |
11 | श्री आनंद प्रकाश पांडे | एक्सेप्टिबिल्टी एंड एक्सेसिबिलिटी ऑफ मेनस्ट्रीम सेकेन्ड्री स्कूलस फार स्टूडेंटस विड डिसेबिलिटीस इन उत्तर प्रदेश |
शिक्षा विभाग के पास कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन हैं। 60 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। कुछ प्रमुख पत्रिकाओं में शामिल लेख इस प्रकार हैं
- नेशनल जर्नल ऑफ एडुकेशन, बनारस हिंदु यूनिर्वसिटी, आईएसएसएन 0972 9569
- जर्नल ऑफ डिसेबिलिटी मैनेजमेंट एंड स्पेशल एडुकेशन: आईएसएसएन 2229 -5143
- इंडियन स्ट्रीमस् रिर्सच जर्नल, आईएसएसएन: 2230-7850
- कॉनफॉलक्स जर्नन ऑफ इडुकेशन अ पीयर रिव्यूड इंटरनेशनल जर्नल, आईएसएसएन 2320-9305
- जर्नल ऑफ नेशनल कॉनवेंशन ऑफ एडुकेटरस् ऑफ द डेफ, मुंबईआईएसएसएन 2230-794X
- लाईब्रेरी साइंस रिसर्च जर्नल, आईएसएसएन 2319-8435
- गोल्डल रिसर्च थॉट्स, आईएसएसएन 2231-5063
- शोध समीक्षा और मूल्यांकन, आईएसएसएन 0974-2832
- जर्नल ऑफ एडुकेशन क्रॉनिकल, एन इंटननेशनल जर्नल ऑफ एडुकेशन, आईएसएसएन 2229-6220
- लर्निंग कम्यूनिटी: एन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडुकेशनल एंड सोशल डेवलेपमेंट, आईएसएसएन 0976-3201
- इनफेंटस् एंड यंग चिल्ड्रन, एन इंटरडिसिपिल्नरी जर्नल ऑफ एर्ली चाईल्डहुड इंटरवेशन, लिप्पिनकॉअ विलियमस् विलकिनस्
इन एडुकेटर रिसर्च जर्नल (ईआरजे)आईएसएसएन: P-2455-0515 E-2394-8450
- शिक्षणातील मर्मउदृष्टि: 0976-0385
- इंटरनेशनल जर्नल ऑफ स्पेशल एडुकेशन, आईएसबीएन082273383
- डिसेबिलिटी, सीबीआर इंक्यूसिव डेवेलपमेंट (डीसीआईडी) ,आईएसएसएन
विशेष उपलब्धियां
शिक्षा विभाग, समावेशी शिक्षा के लिए पीजीडीपीएचआई, बी.एड. (एचआई), एम.एड. (एचआई), एनआईओएस का SAIED को शुरू करने वाला पहला देश का सर्वप्रथम विभाग है। विभाग के संकाय सदस्यों को मुंबई विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, एनसीईडी-इंडिया और एनसीईआरटी के सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- संपर्क और नेटवर्किंग
विशेष और समावेशी शिक्षा हेतु, शिक्षा विभाग का सरकारी और गैर-सरकारी दोनों संगठनों के साथ मजबूत संपर्क और नेटवर्किंग है। विभाग के संकाय सदस्य और कर्मचारी विभिन्न स्तरों पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम की योजना और कार्यान्वयन के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) और विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों के साथ कार्य करते हैं। इग्नू, टीएनओयू और वाईसीएमओयू जैसे मुक्त विश्वविद्यालयों के साथ पाठ्यक्रम सामग्री विकसित की गई है। विभागों के संकाय सदस्य डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर अखिल भारतीय परीक्षाओं के लिए मुख्य परीक्षक, पेपर सेटर, विशेषज्ञ और मूल्यांकनकर्ता के रूप में योगदान देते हैं, साथ ही मुंबई विश्वविद्यालय, एसएनडीटी तथा अन्य राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यों के मूल्यांकन भी करते हैं। विभाग के संकाय सदस्य मुंबई विश्वविद्यालय, एसएनडीटी, पुणे विश्वविद्यालय और मैसूर विश्वविद्यालय के बीओएस अध्यक्ष और सदस्यों के रूप में योगदान दे रहे हैं।
सीआरई का संचालन करने और दिव्यांग छात्रों की शिक्षा के लिए राज्य नीतियां तैयार करने के लिए महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के दिव्यांग आयुक्तों के कार्यालय के साथ सहयोग किया गया है। विशेष स्कूलों की ग्रेडिंग के लिए टेस्ट टूल टीएएससी विकसित किया गया है और इस टूल का उपयोग करके लाइसेंसिंग और सहायता अनुदान के लिए निरीक्षण किया गया है।
शिक्षकों और अभिभावकों के लिए अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एनजीओ से सहयोग और नेटवर्किंग की जाती है।शिक्षा विभाग एनसीईडी-भारत जैसे पेशेवर निकायों के साथ नेटवर्क बनाकर कार्यालय भी स्थापित किया है, जिससे वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने और एनसीईडी-भारत के पत्रिकाओं के प्रकाशन में सहयोग भी करता है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर द डेफ (CID) के साथ GAEL-P जैसे मूल्यांकन उपकरणों का अनुकूलन और मानकीकरण और मॉरीशस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (MIE) के लिए पाठ्यक्रम सामग्री विकसित करना शामिल है। शिक्षा विभाग ने संयुक्त राष्ट्र-लघु अवधि परियोजना, “कॉगनिटिव टेस्टिंग ऑफ द फॉर्मेटस ऑफ वाशिंगटन ग्रुपस् ऑफ पीडब्ल्यूडी”, में भी सहयोग दिया है। समावेशी शिक्षा हेतु मास्टर प्रशिक्षकों के लिए विश्व बैंक मैन्यूल और एनसीईआरटी – यूनिसेफ समावेशी शिक्षक शिक्षा समर्थन के अनुकूलन के लिए सहयोग किया है।
संकाय सदस्य विवरण
क्र.सं. | नाम | पदनाम | शैक्षिक योग्यताएं | अनुभव | अभिरूचि क्षेत्र | छायाप्रति |
1 | डॉ. सूनि एम. मैथ्यू | व्याख्याता | एम.एससी (भौतिक विज्ञान), बी.एड. (भौतिकी), एम.एड. (एचआई), पीएचडी (शिक्षा) | 23 वर्ष | विशेष समावेशि शिक्षा, शैक्षिक मूल्यांकन, शिक्षा संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान, विषय शिक्षण | |
2 | डॉ. राजू आराख | व्याख्याता | बी. कॉम, एम.ए. (अर्थशास्त्र), बी.एड. (एचआई), एम.एड. स्पे. एडु. (एचआई), स्पे. एडु. दिव्यांगता प्रबंधन में पीएच.डी., आईएसएलएलेवल, यूजीसी–नेट | 21वर्ष | श्रवण दिव्यांग बच्चों की विशेष शिक्षा, दिव्यांगजनों के लिए कानून और नीतिगत ढांचा, अनुसंधान, पाठ्यक्रम, समावेशी शिक्षा। | |
3 | डॉ. गायत्री अहूजा | व्याख्याता | एम.कॉम. (प्रबंधन), एम.ए. (भाषा विज्ञान), एम.एड. (एचआई), पीएचडी (विशेष शिक्षा पुनर्वास), एम.एससी. (अनुप्रयुक्त विज्ञान – जारी है) | 15 वर्ष | दिव्यांगता संबंधी कानून, सीडब्ल्यूएचआई/सीडब्ल्यूडीबी में अकादमिक उपलब्धियां, बधिर शिक्षा में भाषाविज्ञान |
कर्मचारियों की सूची
क्र.सं. | नाम | पदनाम |
1 | डॉ. असावरी शिंदे | शिक्षक |
2 | श्रीमती पूनम म्हात्रे | शिक्षक |
3 | श्री स्वानंद कुमार आर. पांढरे | शिक्षक |
4 | श्रीमती वैशाली घाडगे | शिक्षक |
5 | श्रीमती कल्पना शिंदे | एसटीएस |