श्रवणविज्ञान विभाग
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गतिविधियां
संस्थान का एक प्रमुख विभाग होने के नाते, विभाग द्वारा कई गतिविधियाँ की जाती हैं
नैदानिक सेवाएं- प्रतिदिन औसतन 90 नए मामले देखे जा रहे हैं।
मुख्य नैदानिक सेवाएं निम्न प्रकार है:
- श्रवण का मूल्यांकन और निदान
- श्रवण यंत्रों और कान के सांचों का चयन और फिटिंग
- श्रवण दिव्यांगजनो हेतु यूडीआइडी का प्रमाणन
- शिशु अभिभावक कार्यक्रम
- अभिभावकों का मार्गदर्शन और परामर्श
- रेफेरल और अनुवर्ती सेवाएं
- कॉक्लियर इंप्लांट से संबंधित गतिविधियां जैसे स्विच-ऑन, मैपिंग, थेरेपी आदि।
जनशक्ति विकास – विभागीय कर्मचारी संस्थान के उद्देश्यों में से एक को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो वाक्-श्रवण और विशेष शिक्षा में विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के छात्रों को व्याख्यान देकर छात्रों को उनके शोध प्रबंध कार्य (मास्टर) और डॉक्टरेट थीसिस के लिए मार्गदर्शन करके नैदानिक पर्यवेक्षण, अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना जनशक्ति विकास है।
विभाग कई अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है जैसे ईयर मोल्ड मेकिंग, हियरिंग एड रिपेयर, वाक् एवं श्रवण दिव्यांग बच्चों के अभिभावको का सशक्तिकरण, अभिभावकों और पेशेवरों के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट से संबंधित कार्यशालाएं। संकाय सदस्य विभिन्न विभागीय गतिविधियों जैसे शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम आदि में संसाधन व्यक्ति के रूप में कार्य करते हैं।
परामर्श सेवाएं – ऑडियोमीटर का केलेब्रेशन, श्रवण यंत्रों का परीक्षण, परिवेश शोर मापना, ध्वनि उपचारित कमरों का निर्माण आदि।
अनुसंधान और प्रकाशन
संकाय सदस्य अनुसंधान गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। फिलहाल वे 3 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। अब तक लगभग 70 शोध-लेख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
एक माह में औसतन 70-80 विशिष्ट दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।
श्री राजीव जल्वी, रीडर एचओडी/ऑडियोलॉजी ने मुंबई विश्वविद्यालय से भाषाविज्ञान में पीएचडी डिग्री से प्राप्त की। श्रीमती अपर्णा नंदुरकर को एमयूएचएस, नासिक द्वारा वाक् और श्रवण-संबद्ध स्वास्थ्य के क्षेत्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है।
क्लिनिक
नैदानिक सेवाओं के लिएप्रत्येक अनुभाग मेंएएसएलपी और चिकित्सकों को तैनात किया जाता है।
पोस्ट सीआई पुनर्वास सहित एडिप-सीआई कार्यक्रम के कार्यान्वयन में संकाय और नैदानिक कर्मचारी सक्रिय रूप से शामिल होते हैं।
श्रीमती केतकी बोरकर एडिप-सीआई की सीएसआर गतिविधि देख रही हैं। श्रीमती गौरी तैलंग और श्रीमती प्रांजलि उजावने को जोनल समन्वयक नियुक्त किया गया है।
ईयर मोल्ड प्रयोगशाला
ईयर मोल्ड टेक्नीशियन: इंप्रेशन लेना, फिनिशिंग, पॉलिश करना, ईयरमोल्ड्स की ट्यूब फिक्सिंग, ईयरमोल्ड्स की मरम्मत करते हैं।
एक माह में लगभग 700 ईयर मोल्डस् तैयार किए जाते हैं।
इलैक्ट्रोनिक प्रयोगशाला
सहा. इलैक्ट्रोनिक तकनीशिय
श्रवण यंत्रों की मरम्मत, एनजीओ द्वारा प्रस्तुत एडिप योजना के तहत जारी श्रवण यंत्रों का इलेक्ट्रोकॉस्टिक विश्लेषण, ऑडियोमीटर का केलेब्रेशन और श्रवणविज्ञान तथा अन्य विभागों के उपकरणों की मरम्मत, छात्र प्रशिक्षण, परामर्श सेवाएं।
श्रवण यंत्रों के परीक्षण के लिए इलेक्ट्रॉनिक लैब को ‘बीआईएस प्रमाणन एजेंसी’ के रूप में मान्यता दी गई है
प्रयोगशाला सहायक
प्रयोगशाला की गतिविधियों में सहायता प्रदान करते है।
एक माह में लगभग 200 श्रवण यंत्र सुधारे जाते है।
प्रशासनिक कर्मचारीगण
स्टेनो-टंकक
सभी विभागीय कार्य जैसे रोगी से संबंधित पत्रों का प्रारूपण, टंकण, एडिप लाभार्थी सूची, इंटर्नशिप प्रमाण पत्र, मासिक रिपोर्ट, अंकसूची, फाइलिंग आदि अन्य विविध कार्य करते है।
संकाय सदस्य विवरण
क्र.सं. | नाम | पदनाम | शैक्षिक योग्यताएं | अनुभव | अभिरूचि क्षेत्र | छायाप्रति |
1 | श्री मो. शमीम अंसारी | व्याख्याता | एम.एससी. (एएसआर) | 25 वर्ष | साइकोफिजिक्स इलेक्ट्रो-न्यूरोफिजियोलॉजी ऑफ हियरिंग, भाषण बोधगम्यता धारणा,बाल चिकित्सा और वयस्क श्रवण पुनर्वास,श्रवण यंत्र (श्रवण यंत्र, कॉक्लियर इंप्लांट) शोर मापन श्रवण संरक्षण प्रक्रियाएं |
कर्मचारियों की सूची
क्र.सं. | नाम | पदनाम |
1 | श्री डी.टी. कांबली | सहा.इलैक्ट्रोनिक तकनीशियन |
2 | श्रीमती उर्मी शाह | नैदानिक सुपरवाईजर |
3 | श्रीमती गौरी तेलंग | स्पीच पैथोलॉजिस्ट और ऑडियोलॉजिस्ट |
4 | श्रीमती केतकी बोरकर | स्पीच पैथोलॉजिस्ट और ऑडियोलॉजिस्ट |
5 | सुश्री प्रांजली उजावने | स्पीच पैथोलॉजिस्ट और ऑडियोलॉजिस्ट |
6 | श्री अविनाश सामंत | एल.डी.सी. |