संस्थान के बारे में
अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान -AYJNISHD (D) की स्थापना 9 अगस्त 1983 को हुई थी। यह दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। संस्थान बांद्रा (पश्चिम), मुंबई – 400 050 में स्थित है।
संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता (1984), नई दिल्ली (1986), सिकंदराबाद (1986) और भुवनेश्वर (1986- उड़ीसा सरकार के सहयोग से) में स्थापित किए गए हैं। इनकी स्थापना जनशक्ति विकास और सेवाओं के संदर्भ में स्थानीय और क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से की गई। नई दिल्ली में क्षेत्रीय केंद्र को 2015 में नोएडा में स्थानांतरित कर दिया गया है और भुवनेश्वर में क्षेत्रीय केंद्र को 2008 में जनला में स्थानांतरित कर दिया गया है।
समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी), अहमदाबाद, गुजरात एक अन्य सेवा मॉडल है, जिसे दिव्यांगजनों को एक ही छत के नीचे सेवाएं प्रदान करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है। इसकी स्थापना 16 अगस्त 2011 को की गई। महाराष्ट्र में एक अन्य सीआरसी, सीआरसी-नागपुर जिसकी स्थापना 2015 में एनआईपीआईडी, चेन्नई द्वारा की गई थी और 2020 में इसे अ.या.जं.रा.वा.श्र.दि. संस्थान, मुंबई को हस्तांतरित कर दिया गया। 8 अप्रैल 2023 को मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक सीआरसी का उद्घाटन किया गया। उपर्युक्त सभी सीआरसी अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान, मुंबई के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्यरत्त हैं।
संस्थान के उद्देश्य
जनशक्ति विकास
श्रवण दिव्यांगजनों के पुनर्वास संबंधित विभिन्न पहलुओं से निपटने के लिए विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
शोध कार्य
प्रारंभिक पहचान, हस्तक्षेप, शैक्षिक दृष्टिकोण, उपचारात्मक शिक्षण विधियों, श्रवण दिव्यांगजनों के लिए रोजगार और प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्रों में अनुसंधान किया गया है।
शैक्षिक कार्यक्रम
श्रवण दिव्यांगजनों के लिए मौजूदा स्कूल का अध्ययन, पालन किए गए पाठ्यक्रम, शिक्षण के तरीके आदि और मौजूदा शैक्षिक सुविधाओं में सुधार के माध्यम से उन्हें पूरक या मजबूत करना और जहां भी आवश्यक हो, नई रणनीति विकसित करना, निरक्षर/ड्रॉप आउट के लिए ओपन स्कूल जैसे नए उपाय करना मॉडल गतिविधिओं के रूप में संचालित किया जा रहा है।
सेवा सुविधाएं
प्रारंभिक पहचान और पुनर्वास प्रक्रियाओं के लिए रणनीतियाँ। व्यावसायिक प्रशिक्षण और जॉब प्लेसमेंट आदि पर फिल्में और ऑडियो विजुअल विकसित किए जा रहे हैं।
सामुदायिक कार्यक्रम
प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप, घरेलू प्रशिक्षण, पत्राचार प्रशिक्षण और टेली-पुनर्वास सेवाएं भी उभरती जरूरतों के साथ प्रदान और विकसित की जा रही हैं।
सामग्री विकास
(क) शिक्षा के लिए आवश्यक, जैसे शिक्षण सहायक सामग्री, ऑडियो-विजुअल आदि। (ख) जन जागरूकता और सामुदायिक शिक्षा, वयस्क श्रवण दिव्यांगजनों के लिए साक्षरता कार्यक्रम, अभिभावक परामर्श और स्वैच्छिक संगठनों को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम।
सूचना और दस्तावेज़ीकरण
श्रवण, वाक् और संबंधित प्रौद्योगिकी के विज्ञान में नवीनतम जानकारी और विकास का दस्तावेजीकरण और प्रसार किया जा रहा है।